क्या आप जानती हैं अपने ये अधिकार?
BY-GNT Digital
भारत में कुछ ऐसे कानून और अधिकार हैं जो सभी महिलाओं को जानना जरूरी है.
जब कोई महिला बिना किसी वकील के साथ पुलिस थाने जाती है, तो ज्यादातर बार या तो उसे गलत तरीके से ट्रीट किया जाता है. ऐसे में उसे कानूनी सहायता लेने का पूरा अधिकार है.
कोई भी महिला जो बलात्कार और यौन शोषण से बची है, उसे अपना बयान निजी तौर पर दर्ज करने का अधिकार है, यानी केवल मजिस्ट्रेट के सामने किसी अन्य व्यक्ति/अधिकारी द्वारा सुने बिना.
महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी रक्षा करने के लिए दिल्ली पुलिस ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि उन्हें ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के साथ-साथ जीरो एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मिल सके.
किसी भी महिला को सुबह 6 बजे से पहले और शाम 6 बजे के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. भले ही महिला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो.
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-160 के तहत किसी महिला को पूछताछ के लिए थाने आने के लिए निर्देशित/मजबूर नहीं किया जा सकता है.
भारतीय महिलाओं को समान वेतन का अधिकार है. यह हर भारतीय महिला के लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक है.
महिला या उसकी ओर से कोई भी घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करा सकता है.
प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स एक्ट, 1994 कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एक महिला/मां के अधिकार को सुनिश्चित करता है.
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 महिलाओं और पुरुषों दोनों को जायदाद में समान हिस्सेदारी की अनुमति देता है.
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